समानता! लड़कियों/महिलाओं का हक
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फाइल फोटो |
समानता जो की देश के हर वर्ग के लोग को चाहिए। लेकिन क्या आपने किसी से बहस/तर्क में या अपने किसी लड़ाई में गाली गलौज किए हैं..??
अगर हां तो समानता पर मैं अंकुश मिश्रा एक लेख लिखा हूं पढ़िए और खुद को और समाज को सुधारिए।
एक बॉयज होस्टल था जिसमे इंजीनियरिंग के सारे छात्र रहते थें, उसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र सभी रहते थें। वहां एक दिन झगड़ा हुआ जिसमे लड़के अपने जाति के समानता की बात कर रहे थें की हमें इतना आरक्षण मिला, कोई बोल रहा है की मुझे कम मिला, कोई अपने ज्यादा आरक्षण पर गुरूर कर रहा था। और बहस करते करते बात इतना बढ़ गया की सभी गली गलौज पर उतर आएं। झगड़ा 2/3 पक्षों के बीच समानता की चल रही थी, समानता मतलब हर वर्ग को चाहिए वो समानता। क्या ये समानता केवल केवल लड़कों को हीं चाहिए क्या..?? नहीं!
तो फिर उस पुरुषों की लड़ाई में उनलोगो के मां-बहन, बेटी ने क्या किया जो लोगों ने उन्हें गाली देना शुरू कर दी। इसमें तो उन्हें कोई भी समानता नहीं दिखी! केवल अपने फायदे के लिए लोग समानता की बात करते हैं, बाकी कोई कुछ भी नहीं है! अच्छे कामों में किसी को कोई समानता नहीं दिखती है।
मेरा निवेदन आप सभी से है की आप लोग अपने लड़ाई में खुद को गाली दीजिए, खुद को कोशिए, ना की अपने हीं मां बहन बेटियों की इज्जत को लड़ाई के बीच आने दीजिए!
मूल्यवान समय देने हेतु धन्यवाद। मेरी बात अच्छी लगी तो इसे खूब शेयर कीजिएगा
जय हिंद!
Founder, Viral Tak (News) And पेड़ लगाओ, पर्यावरण बचाओ
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