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क्या है पापा का महत्व जानिए इस वीडियो से |
यह दो अक्षरों का एक शब्द दुनिया का सबसे अनमोल शब्दों में एक है, पिता के लिए मैं लिखूं इतना मेरी कलम में ताकत कहां है लेकिन हां एक पिता के बारे में थोड़ा जरूर बताऊंगा।
पिता वह होता है जिसके केवल होने मात्र से पूरी दुनिया हरियाली लगती है, पिता के होने मात्र से ही बच्चे की आत्मविश्वास की सीमा ही नहीं होती है, पिता कभी जताता नहीं लेकिन एक पिता का जो अपने संतान के लिए प्यार रहता है शायद ही दुनिया में कोई किसी को ऐसे प्यार कर सकता है, प्यार का दिखावा तो पूरी दुनिया ही करती है लेकिन जो बिना बोले अंधों जैसा प्यार करता रहे वही पिता होता है,
नव माह अपने बच्चे को एक मां अपनी पेट में रखकर पालती है लेकिन जो जीवन भर अपनी दिल में रख कर पालता है वह पिता होता है, सामने से भले ही कुछ ना बोले लेकिन हर पल जिसके दिल में अपने संतान के लिए प्रेम बस्ता हो वो पिता हीं होता है.! लिखने का तो पूरा दिन लिखता रह जाऊं लेकिन लेख खत्म ना हो लेकिन लिख नहीं सकता। मां बच्चे की तत्काल खुशी चाहती हैं लेकिन जो जीवन भर की खुशी चाहता है वो भी पिता ही होता है, पिता आपके लिए किस हद तक जा सकता है इस बात की कोई हद ही नहीं हो सकती है।
ये लिखते लिखते मुझे मेरे और पापा के बीच की एक घटना याद आ गई जो कुछ दिन पहले की है, मैं हॉस्टल में था मुझे लूज मोशन हुई थी और उस दिन सुबह से मुझे पापा से बात नहीं हो पाई थी और मैं भी अपने तबीयत खराब होने के कारण उनसे कॉल करके बात नहीं कर पाया था, लेकिन दोपहर में मैंने उन्हें कॉल किया उनसे हमारी बात हुई, फिर उन्होंने हालचाल लिया तो मैंने बताया कि मुझे सुबह से लूज मोशन की परेशानी हो रही है फिर उसके बाद उन्होंने मुझे बहुत आसान आसान उपाय बताया जिससे हम शाम तक ठीक भी हो गए, फिर उस वक्त पापा से बात खत्म होते ही मुझे मम्मी से बात करने का मन करने लगा और मैं मम्मी के नंबर पर कॉल लगा दिया, मम्मी कॉल उठा कर हालचाल ली और उन्होंने मुझे बताया कि पापा का कल रात से तबीयत खराब था और संयोग से उन्हें भी लूज मोशंस ही हुआ था, पापा अपनी ड्यूटी हमेशा कायदे से करते है और उस दिन भी उनकी तबीयत खराब होने के बावजूद वो कचहरी पर गए और वह इसलिए कि हम बच्चों की शौक/जरूरत पूरी कर सके। खुद का ख्याल ना रखते हुए भी वो कचहरी में गए जबकि उस दिन मेरा भी तबीयत खराब था लेकिन मैं उस दिन अब्सेंट रह गया, कॉलेज नहीं गया। अब मुझे जैसे ही पता चला कि पापा का तबीयत खराब है फिर भी कचहरी गए हैं मेरे आंखों से आंसू की बूंदे आने लगी और फिर मुझे मालूम चला कि एक पिता अपने बच्चों के लिए क्या-क्या कष्ट झेल सकता है या झेलकर पलता है और बड़ा करता है। लेकिन इतना ही नहीं इसके अगले 2 दिन मुझे कॉलेज जाने से भी मना कर दिए थे पापा खुद कचहरी लगातार जा रहे थे लेकिन मुझे कॉलेज जाने से मना हीं कर रहे थे। इस छोटे से कहानी में ही आप देख सकते हैं कि पिता अपनी संतान के लिए खुद के दुख दर्द को कितना छुपाते हैं और अपनी परेशानी को ना देखते हुए भी आपने बच्चों के शौक पूरा करने के लिए खुद कड़कती धूप में या बरसात में या ठिठुरते ठंड में भी कड़ी मेहनत करते हैं, काम करते हैं।
हमारे उम्र के लड़के अपने पिता के महत्व को नहीं जानता है और शायद वह कभी समझ भी नहीं पाता कि एक पिता क्या होता है। हमारे पापा जी कभी सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं करते हैं, कभी बोलते नहीं है की वो कितना प्यार करते हैं लेकिन उनका प्यार हमारे लिए एक वरदान है। और मेरा ये लेख जितने लोग भी पढ़ रहे हैं उन से मेरा नम्र निवेदन है की प्लीज अपने पिता का ख्याल रखा करें और उनके सपनों को पूरा करें।
दोस्तों मेरे जीवन का एक सपना है और सपना आईएएस ऑफिसर बनने का नहीं है, सपना प्रधानमंत्री बनने का नहीं है, सपना अंबानी बनने का नहीं है मेरा एकमात्र सपना है कि मुझे अपने पापा जी से गले लगना है। मैं बहुत समय से अपने पापा जी से गले लगाना चाहता हूं लेकिन इतना हिम्मत नहीं है मेरे पास कि मैं उनके पास जाकर उनसे गले मिल सकूं लेकिन मेरा विश्वास है एक दिन जरूर आएगा जब मुझे भी अपने पापा से गले मिलने का मौका मिलेगा।
सोचा तो था बहुत कुछ लिखने का लेकिन इस दिल से लिखा लेख को यहीं विराम देता हूं।
!!धन्यवाद!!
Written By- @Ankushkrmishra
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