*Friendship Day* पर अपने कुछ खास दोस्तों के लिए मेरे द्वारा लिखा गया एक छोटा सा लेख...🥰
![]() |
Ankush Kumar Mishra |
हां मैं खुश किस्मत हुं जो मुझे तेरे जैसा दोस्त मिला है, बहुत हीं किस्मत से मिलते हैं तेरे जैसे दोस्त इस दुनिया में इसलिए कुछ ज्यादा हीं खुश किस्मत हुं ।
तुझे मैं एक दोस्त नहीं अपने भाई से बढ़कर मानता हूं यार । तेरे सामने मुझे कोई आंख उठा के देखे तो मेरे से पहले उसे तू उससे भिड़ता है, तब मुझे लगता है की मैं खुश किस्मत हुं।
तेरे सामने मुझे कोई तकलीफ हो तो मेरे से पहले तू मेरा दर्द समझता है, तब मुझे लगता है कि मैं खुश किस्मत हुं।
तुझे पता होता है की मुझे क्या पसंद है और मेरे से पहले मेरे लिए वो चीज तू खरीदता है तब मुझे लगता है की मैं खुश किस्मत हुं।
जब तू Pubg खेलता होता है उस समय अपने भैया का कॉल नहीं उठाता है, और मेरा उठा के बोलता है की भाई तुरंत कॉल कर रहा हूं तो उस समय मुझे लगता है की तू खुश किस्मत हुं।
अगर मैं एक दो दिन बात न भी करूं फिर भी मेरी चिंता तू करता है तो मुझे लगता है की मैं खुश किस्मत हुं।
जब मेरे जन्मदिन पर मेरे से ज्यादा उत्तेजित तू रहता है तो मुझे लगता है की मैं खुश किस्मत हुं।
जब सब साथ छोड़ जाते हैं तो अकेला तू मेरे साथ रहता है, तब मुझे लगता है की मैं खुश किस्मत हुं।
जब तू जानता है कि मैं कुछ गडबड करूंगा फिर भी तू मुझे वो करने से मना नहीं करता है ये सोचकर की जो होगा तू देख लेगा तब मुझे लगता है कि मैं खुश किस्मत हुं।
जब तेरे पास पैसा हो या न हो लेकिन मैं एक बार तुझे पूछ लेता हूं तो तू कही से मुझे पैसे देता है, तब मुझे लगता है कि मैं खुश किस्मत हुं।
जब कोई काम तू करता है और बिना मेरे कुछ किए तू उसका क्रेडिट मुझे देता है , तब मुझे लगता है कि मैं खुश किस्मत हुं।
जब किसी की वजह से तुझे इग्नोर करता हूं फिर भी तू मुझे बार बार कॉल/मैसेज करता है , तब लगता है की मैं खुश किस्मत हुं।
जब तेरे से खुद का काम नहीं होता है लेकिन मेरा काम तू खुद से पहले करता है , तब लगता है कि मैं खुश किस्मत हुं।
जब तू किसी से मेरी बुराई सुनता है तो उसकी बैंड बजा देता है और मुझे बताता भी नहीं है ,तब लगता है कि मैं खुश किस्मत हुं।
जब तू बाजार में खुद से ज्यादा मेरा खयाल रखता है, तब लगता है कि मैं खुश किस्मत हुं।
जब तू मेरी वजह से फैमिली से डांट सुनता है फिर भी मुझपर गुस्सा नहीं होता है, तब लगता है कि मैं खुश किस्मत हुं।
जब तुझे भूख लगी रहती है फिर भी मैं कॉल करके तुझे बोलता हूं कि भाई यहां चलना है अभी तो तू बिना कुछ खाए मेरे लिए चलता है, तब मुझे लगता है कि मैं खुश किस्मत हुं।
जब मेरे बीमारी में मुझसे ज्यादा तू परेशान रहता है तब लगता है की मैं खुश किस्मत हुं
लिखने को तो बहुत कुछ है लेकिन जितना लिखूं मेरे मित्र के लिए कम हीं है।
भाई तू मेरे लिए इतना करता है ये मायने नहीं रखता है,लेकिन इतना सबकुछ तू निस्वार्थ करता है तब लगता है की तू ईश्वर द्वारा मेरे लिए भेजा हुआ फरिश्ता है।
इस कहानी में मैं चार प्रिय मित्रों का बिना नाम लिए जिक्र किया हूं।जो मेरी जान से भी बढ़कर हैं।
भाई तेरा ये एहसान मैं जिंदगी भर नहीं चुका पाऊंगा Yarrr
*Happy Friendship Day My Best Friend😘*
✌✌✌
तेरा प्यारा मित्र @Ankushkrmishra
Comments